FD Scheme: टैक्स बचाने का मास्टर प्लान: पत्नी के नाम एफडी कराने से होगी धांसू कमाई!

FD Scheme: नमस्ते प्रिय पाठकों! आज हम एक महत्वपूर्ण वित्तीय रणनीति पर चर्चा करेंगे, जो आपके टैक्स बचत और निवेश को अधिक फायदेमंद बना सकती है। क्या आप जानते हैं कि पत्नी के नाम पर फिक्स्ड डिपॉजिट (एफडी) कराने से आपको कई लाभ मिल सकते हैं? आइए, इस विषय को विस्तार से समझते हैं।

FD Scheme

फिक्स्ड डिपॉजिट (एफडी) एक सुरक्षित निवेश विकल्प है, जिसमें आप एक निश्चित अवधि के लिए एकमुश्त राशि जमा करते हैं और उस पर पूर्व-निर्धारित ब्याज दर प्राप्त करते हैं। यह निवेश जोखिम-रहित होता है और निश्चित रिटर्न प्रदान करता है।

पत्नी के नाम पर एफडी कराने के फायदे

1. टैक्स में बचत

यदि आप अपनी पत्नी के नाम पर एफडी कराते हैं, तो आप टीडीएस (TDS) की कटौती से बच सकते हैं। आमतौर पर, यदि एफडी पर एक वित्त वर्ष में ₹40,000 से अधिक ब्याज मिलता है, तो 10% टीडीएस काटा जाता है। लेकिन यदि आपकी पत्नी की आय कर योग्य सीमा से कम है, तो वे फॉर्म 15G भरकर टीडीएस कटौती से बच सकती हैं।

2. कम टैक्स देनदारी

अधिकांश महिलाएं या तो गृहिणी होती हैं या निम्न कर दायरे में आती हैं। ऐसे में, पत्नी के नाम पर एफडी कराने से ब्याज आय पर कम या शून्य टैक्स देनदारी होती है, जिससे परिवार की कुल टैक्स देनदारी कम हो जाती है।

3. उच्च ब्याज दर का लाभ

कुछ बैंक महिला ग्राहकों को एफडी पर विशेष ब्याज दर प्रदान करते हैं। पत्नी के नाम पर एफडी कराने से आप इन विशेष दरों का लाभ उठा सकते हैं, जिससे आपकी बचत पर अधिक रिटर्न मिलेगा।

ध्यान देने योग्य बातें

  • गिफ्ट टैक्स नियम: पति द्वारा पत्नी को दी गई राशि पर कोई गिफ्ट टैक्स नहीं लगता, लेकिन पत्नी द्वारा अर्जित ब्याज आय पति की आय में जोड़ दी जाती है। इसलिए, टैक्स प्लानिंग करते समय इस बात का ध्यान रखें।
  • फॉर्म 15G/15H: यदि पत्नी की आय कर योग्य सीमा से कम है, तो फॉर्म 15G (60 वर्ष से कम आयु) या फॉर्म 15H (60 वर्ष या उससे अधिक आयु) भरकर टीडीएस कटौती से बचा जा सकता है।

Conclusion- FD Scheme

FD Scheme: पत्नी के नाम पर फिक्स्ड डिपॉजिट कराने से आप न केवल टैक्स में बचत कर सकते हैं, बल्कि उच्च ब्याज दरों का लाभ भी उठा सकते हैं। यह एक स्मार्ट वित्तीय रणनीति है, जो परिवार की कुल आय और बचत को बढ़ाने में सहायक हो सकती है। यदि आप इस विकल्प पर विचार कर रहे हैं, तो अपने वित्तीय सलाहकार से परामर्श करें और सही निर्णय लें।

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